21. विद्यालय आने से पूर्व बच्चों के पास
22. हिंदी भाषा-शिक्षक को यह स्वीकार करना चाहिए कि
निर्देश (प्र.सं. 144-150) निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन करके इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
शिक्षा केवल तभी बच्चों के आत्मिक जीवन का एक अंश बनती है, जब कि ज्ञान सक्रिय कार्यों के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा हो| बच्चों से यह आशा नहीं की जा सकती कि पहाड़े या समकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल निकालने के नियम आप से आप उन्हें आकर्षित करेंगे| जब बच्चा यह देखता है कि ज्ञान सृजन के या श्रम के लक्ष्यों की प्राप्ति का साधन है. तभी वह ज्ञान पाने की इच्छा उनके मन में जागती है| मैं यह चेष्टा करता था कि छोटी आयु में ही शारीरिक श्रम में बच्चों को अपनी होशियारी और कुशाग्र बुद्धि का परिचय देने का अवसर मिले| स्कूल का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यभार है- बच्चों को ज्ञान का प्रयोग करना सिखाना| छोटी कक्षाओं में यह खतरा सबसे ज्यादा होता है कि ज्ञान निरर्थक बोझ बनकर रह जाएगा, क्योंकि इस आयु में बौद्धिक श्रम नई-नई बातें सीखने से ही सम्बंधित होता है|
24. लेखक के अनुसार शिक्षा का अर्थ है
25. ज्ञान-प्राप्ति की इच्छा कब जागती है?