Explanation : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से दूर होने, निकलने आदि का भाव प्रकट होता है, वहाँ अपादान कारक होता है| छत से ईंट के गिरने के कारण यहाँ अपादान कारक है|
Explanation : प्रस्तुत शब्द में गुण सन्धि है| जब 'अ' और 'आ' के बाद 'इ' या ई', 'उ' या 'ऊ' और 'ऋ' स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ए, ओ और 'अर्' हो जाते हैं;
जैसे - आ + ऊ = ओ
महा + उर्मि = महोर्मि