CTET Solved Paper - REET Feburary 2016

Avatto > > CTET > > CTET Solved Paper > > REET Feburary 2016

निम्नलिखित 3 प्र. के काव्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए|

क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दन्तहीन, विषरहित, विनीत सरल हो
तीन दिवस तक पंथ माँगते रघुपति सिंधु किनारे
बैठे पढ़ते रहे छन्द अनुनय के प्यारे-प्यारे
उत्तर में जब एक नाद भी उठा नहीं सागर से
उठी अधीर धधक पौरुष की आग राम के शर से
सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहि करता आ गिरा शरण में
चरण पूज दासता ग्रहण की बँधा मूंढ़ बन्धन में
सच पूछो तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की
सन्धिवचन संपूज्य उसी का जिसमे शक्ति विजय की

146. इस काव्यांश की भाषा है

  • Option : A
  • Explanation : इस काव्यांश की भाषा माधुर्य गुण युक्त किन्तु अन्त तक पहुँचते-पहुँचते ओजपूर्ण है|
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


147. इस काव्यांश के 5,6,7 चरण में किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है?

  • Option : D
  • Explanation : चरण 5,6 व 7 में राम के पौरुष की अभिव्यक्ति हुई है|
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


148. विनय की दीप्ति किसमें निवास करती है?

  • Option : C
  • Explanation : विनय की दीप्ति शर में बसती है|
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


149. कर्ता के साथ 'ने' कारक चिह्न युक्त वाक्य में

  • Option : B
  • Explanation : कर्ता के साथ 'ने' कारक चिह्नयुक्त वाक्य में क्रिया सदैव भूतकाल की होती है| जैसे राम ने पानी पीया| इस वाक्य में 'ने' कर्ता कारक परसर्ग है तथा यह वाक्य भूतकाल में है|
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


150. निम्नलिखित में कौन अव्यय का प्रकार नहीं है?

  • Option : D
  • Explanation : अव्यय का अर्थ है जो व्यय न हो, इसे अविकारी शब्द भी कहते हैं, अर्थात जिसमे किसी प्रकार का विकार न हो| अव्यय के निम्न प्रकार होते हैं - 1. क्रिया विशेषण, जैसे शीघ्र, बार-बार, शायद 2. सम्बन्धबोधक, जैसे लिए, पास, रहित, द्वारा 3. समुच्चयबोधक, जैसे और, 'तथा', किन्तु, परन्तु 4. विस्मयादिबोधक, जैसे अरे!, ओह! 5. निपात, जैसे भी, तक, तो किन्तु संज्ञा-विशेषण एक विकारी शब्द है|
Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *