86. वह तोड़ती पत्थर देखा मैंने उसे इलाहबाद के पथ पर'
उपरोक्त पंक्तियाँ किसकी है
निर्देश (प्र सं 86-90) निम्नलिखित गधांश पर आधारित प्रश्नों के सही विकल्पों को बताइये
डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक एवं समस्यामूलक एकांकियों की रचना की है उनके एकांकियों का मूल स्वर आदर्शवादी है प्रेम, सेवा, उदारता, त्याग, और बलिदान की भावनाओं से ओत- प्रोत इन ऐतिहासिक एकांकियों में भारत के अतीत गौरव को प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीयता की भावना जागने का प्रयास किया गया है समस्यामूलक एकांकियों में वर्मा जी ने शिक्षित मध्यमवर्गीय दम्पतियों की अनेक समस्याओँ- प्रेम, सेक्स , संदेह , दम्भ आदि को कथानक का विषय बनाया है , किन्तु उनकी परिणति आदर्श में हुई है कियुँकि उनकी एकांकियों की नायिकाएं अनंत : अपने पति के सम्मान की रक्षा करती हुई दिखाई पड़ती है तथा ‘रेशमी टाई’ को ललिता आदर्शवादिता के कारण वर्मा जी के एकांकी यथार्थ से दूर हो गए जान पड़ते है, किन्तु एकांकी शिल्प की द्रिष्टि से वे हिंदी के युग प्रवर्तक एकांकी मने जा सकते है। आरम्भ, कुतूहल, संकलन , श्रय, चरम सिमा, आदि तत्व उनके एकांकियों में बड़ी सूक्ष्मता से विधमान है। रंगमंचयता एवं अभिनेयता के गुण से भी उनके एकांकी संम्पन्न है तथा उसमे सरसता के साथ- साथ शिल्प को प्रौढ़ता भी विधमान है वस्तुत :एकांकी कला को चरम यौवन पर पहुँचने का श्रय डॉ. रामकुमार वर्मा को दिया जाता है
90. उक्त अवतरण का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?