Q 44 UPTET PAPER II (CLASS VI – VIII) Part II

0. मूक होइ बाचाल पंगु चढ़इ गिरिबरगहन| जासु कृपाँ से दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छन्द है?

  • Option : A
  • Explanation : यह सोरठा अर्द्धसम मात्रिक छन्द है| यह दोहा का विलोम होता है, इसके प्रथम व तृतीय चरण में 11-11 और द्वितीय व चतुर्थ चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं; जैसे--
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